कभी आत्महत्या तक करने को तैयार थे सुरेश रैना, गंदे कपड़े भी जबरन धुलवाते थे साथी

भारतीय टीम के बेहतरीन बल्लेबाज़ की श्रेणी में सुरेश रैना को भी गिना जाता है, इनको भला कौन नहीं जनता। इनके बारे में तो यहाँ तक कहा जाता है की सुरेश रैना अगर फॉर्म में आ जाये तो अच्छे अच्छे बॉलर्स को मज़ा चखा देते हैं। आज वो बेशक भारतीय टीम में मौजूदा खिलाडी नहीं है लेकिन वो जी जान से मेहनत कर रहे हैं की वो फिर से टीम का हिस्सा बन सकें। लेकिन यहाँ तक पहुँचने के लिए सुरेश रैना को किस किस तरह की परिस्थिति से गुज़ारना पड़ा और उन्होंने कितना स्ट्रगल किया आइये आज हम आपको बताते हैं।

खेलने के लिए ट्रैन में पेपर बिछा कर सोये हैं


हम इंसान को शोहरत पाते तो देख लेते हैं लेकिन उसके पीछे छुपी मेहनत को हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं। रैना मेरठ के रहने वाले हैं और एक बार उन्होंने कही दूर क्रिकेट खेलने जाना था जिसके लिए उन्होंने ट्रैन का इस्तेमाल किया पर ट्रेन की टिकट न होने के कारण वो नीचे पेपर बिछा कर ही सो गए। लेकिन किसी ने ट्रैन में उनको सोता देखकर उनपर पेशाब भी कर दिया था। हर इंसान बहुत सी मुश्किलों को झेलता है।

हॉस्टल में झेली ये परेशानी



रैना अपने घर से दूर हॉस्टल में रहते थे और बहुत अच्छा क्रिकेट खेला करते थे जिसकी वजह से बहुत से लोग उनसे जलते थे जिसमें उनके सीनियर्स शुमार थे। वो लोग नहीं चाहते थे की रैना खेलें इसलिए उनको बहुत परेशां किया करते थे मगर सुरेश के कोच उनका हमेशा सपोर्ट करते थे। कभी उनको रात को उठा दिया जाता था, कभी ठंडा पानी फेंक जाता था तो कभी कान में घांस डाल दी जाती थी लेकिन उन्होंने सब सहा।

आहत्मत्या करना चाहते थे


एक बार हॉस्टल में रैना को हॉकी स्टिक से बहुत मारा गया जिसकी वजह से उन्होंने हॉस्टल छोड़ दिया मगर उनका भाई उनको फिर हॉस्टल छोड़ आया क्यूंकि रैना के पास इसके इलावा कोई दूसरा चारा नहीं था। लेकिन इस समय वो मानसिक रूप से इतना परेशान थे की उन्होंने आहत्मत्या करने तक का सोच लिया था।

खेलने के 200 रुपये मिलते थे


एक वक़्त था जब रैना को सब अपनी टीम में लेना चाहते थे जिसके लिए उन्हें 200 रुपये मिला करते थे। उन्होंने इंटरव्यू में बताया था की उन्होंने इन रुपयों से स्पाइक शूज खरीदे थे। ऐसे करते करते उन्हें एयर इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला और 10000 रुपये की स्कालरशिप मिली और वो उसमें से 8000 रुपये अपने घर पर दे दिया करते थे और 2000 रुपये में खुद का गुज़ारा करते थे। यही से उन्होंने पैसों की एहमियत को समझा।

ज़मीन पर सोते थे धोनी के साथ


2005 में रैना ने भारत की क्रिकेट टीम के साथ खेला और सीरीज के दौरान उनको धोनी के साथ कैंप में रहने का मौका मिला और वो वहां ज़मीन पर सोते थे और उनको देखकर धोनी ने भी उनके साथ ज़मीन पर सोना शुरू कर दिया था। धीरे धीरे वो अच्छे बल्लेबाज़ साबित हुए और आईपीएल में भी उन्होंने बहुत नाम कमाया और वो गुजरात के कप्तान हैं।

प्यारी सी बेटी के हैं पिता


रैने ने 2015 में प्रियंका चौधरी से शादी की थी और अब उनकी एक प्यारी सी बेटी भी है जिसका नाम है ग्रेसिअा और उन्होंने इसी का टैटू भी बनवाया हुआ है और वो अपनी फैमिली के साथ बहुत खुश भी है।

मेहनत करने से इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है और ऊंचाइयों को छू सकता है।

Sachin

नमस्ते! मैं सचिन, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में एक समर्पित लेखक और कंटेंट क्रिएटर हूँ। ब्लॉगिंग के माध्यम से, मैं अपने विचार, अनुभव और ज्ञान को आप सबके साथ साझा करने का प्रयास करता हूँ। मेरी लेखनी का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। मेरे ब्लॉग विभिन्न विषयों को कवर करते हैं, जिनमें यात्रा वृतांत, सामाजिक मुद्दे, साहित्य समीक्षा और तकनीकी टिप्स शामिल हैं। सरल और स्पष्ट लेखन शैली के माध्यम से, मैं अपने पाठकों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास करता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिंदी भाषा में उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी दिशा में मैं निरंतर कार्यरत हूँ।

You may also like...