बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता रह चुके शशि कपूर आज भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी यादें हमारे ज़हन में हमेशा ज़िंदा रहेगी। हाल ही में मंगलवार को इन्होने अपना दम तोड़ा और पूरा देश मानो थम सा गया। जहाँ लोग इनके देहांत के गम में डूबे है आइए हम आपको ले चलते है इतिहास के पन्नो में दबी इनकी प्रेम कहानी की ओर।
पृथ्वी थिएटर में जेनिफर को देखते ही दिल दे बैठे थे
गोफरे केंडल अपने शकेस्पीयरन ग्रुप के साथ 1956 में कोलकाता आए हुए थे। उनकी बेटी जेनिफर केंडल से वहीँ शशि की मुलाकात हुई। शशि पृथ्वी थिएटर में एक्टर एवं स्टेज मैनेजर के पद पर नियुक्त थे। वे शेक्सपीएराना नाटक ग्रुप में शामिल हो गए।
20 साल में बंधे शादी के बंधन में
जेनिफर ‘द टेम्पेस्ट’ नामक नाटक में मिरांडा की भूमिका निभा रही थी जब शशि उनपर फ़िदा हो गए। 1958 में जब शशि केवल 20 साल के थे और जेनिफर की उम्र लगभग 25 साल थी तब दोनों ने शादी कर ली। दोनों को परिवार से रज़ामंदी ना मिलने पर वे भाग खड़े हुए।
राज कपूर भी शादी के खिलाफ
शशि को केवल अपनी भाभी गीता बाली का साथ मिला था। जेनिफर ने अपने पिता का थिएटर छोड़ दिया था और दोनों मलेशिया रहने लगे थे। एक समय पर शशि और जेनिफर को पैसों की तंगी भी हुई। तब राज कपूर ने उनके लिए भारत की टिकट भिजवाई थी।
जेनिफर की मौत के बाद टूट गए शशि
1984 में जेनिफर ने शशि का साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया। वे कैंसर से जूंझ रही थी। इसके बाद से शशि टूट से गए थे। उनकी जीने की रुचि ख़त्म हो गई थी। जेनिफर के जाने के बाद से ही शशि का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा था।