बॉलीवुड फिल्मों और खलनायकों का एक अटूट रिश्ता है। लगभग सभी बॉलीवुड फिल्मों में विलेन का होना अनिवार्य है। ऐसे में कई कलाकारों ने अपना खतरनाक रूप दर्शकों को दिखाया लेकिन एक खलनायक ऐसा है जिसे ये फिल्मी दुनिया भूल नहीं सकती। इनकी एंट्री मात्र से रूह काँप जाती थी दर्शकों की।
सदाशिव अमरापुरकर का क्या कहना। अपनी खूंखार एक्टिंग से इन्होने न जाने कितने फिल्मों को दिलचस्प बना दिया। बहुत दुःख की बात है कि ये उम्दा कलाकार साल 2014 में हमें अलविदा कह गए। फेफड़ो में संक्रमण कि वजह से इनकी मृत्यु हो गई थी।
तकरीबन सभी बड़े कलाकारों के साथ काम कर चुके है सदाशिव। इनमे कुछ नाम है धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, अजय देवगन इत्यादि। ‘सड़क’ फिल्म में निभाई थी इन्होने एक किन्नर कि भूमिका और उस रोल को हम भुलाए नहीं भूल सकते।
फिल्म मेकर गोविंद निहलानी ने इनको इंडस्ट्री में ब्रेक दिलवाया था अपनी फिल्म ‘अर्द्ध सत्य’ में रोल देकर। हालाँकि इस फिल्म में सदाशिव का रोल बहुत छोटा था पर उन्होंने काफी तारीफें बटोरीं। इसके बाद वे विधु विनोद चोपड़ा कि फिल्म ‘खामोश’ में जबरदस्त एक्टिंग करते दिखे।
‘आखरी रास्ता’ में अमिताभ के अपोजिट दिखे थे सदाशिव। ‘सड़क’ फिल्म में निभाए गए किन्नर कि भूमिका के बारे में लोग आज भी चर्चा करते है। एक्टर धर्मेंद्र इनको अपना लकी चार्म मानते थे। सदाशिव के शुरुआती करियर के दौरान धर्मेंद्र का करियर अपनी पूरी ऊंचाई पर था।
धर्मेंद्र अपनी लगभग हर फिल्म में सदाशिव को अपने अपोजिट विलेन के तौर पर देखना चाहते थे। दोनों ने साथ में ग्यारह फिल्में की।
इनकी डायलाग डिलीवरी एवं उम्दा अभिनय ने इन्हे करोडो फैंस का पसंदीदा विलेन बना दिया। सदाशिव ने अपने करियर में हिंदी, मराठी, बंगाली, उड़िया और हरियाणवी भाषाओँ को मिलाकर तकरीबन 300 से ज़्यादा फिल्में की हैं।