एम्बुलेंस के महत्ता के बारे में जितना कहा जाए उतना कम होगा। लोगों की जान बचाने में जितना एक डॉक्टर का हाथ होता है उससे कहीं ज़्यादा एहम भूमिका होती है एक एम्बुलेंस की। हम जब भी सड़क पर एम्बुलेंस गाड़ी देखते है तो स्वाभाविक रूप से हमारे मन से दुआ निकलती है की उसमे जा रहा बीमार या पीड़ित व्यक्ति ठीक हो जाए।
सबकी कोशिश यही रहती है की जैसे तैसे एम्बुलेंस को भीड़ में से निकलने का रास्ता मिल जाए। यह गाड़ी खुद भी ऐसे कई तरीके अपनाती है जिससे लोगों का ध्यान इसकी तरफ आकर्षित हो और सड़क पर चलते या अन्य वाहन में बैठे व्यक्ति इसे आसानी से जाने दे।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है की एम्बुलेंस गाड़ी पर लिखा ‘AMBULANCE’ शब्द उल्टा होता है? ऐसा क्यों होता है ये अधिकाँश लोग नहीं जानते। आइए आपको बताते है वजह। दरअसल इसकी एक ही वजह होती है की आगे खड़ी या चल रही गाड़ियों के ड्राइवर को अंग्रेजी में लिखा एम्बुलेंस शब्द उनकी गाड़ी के दर्पण में साफ़ साफ़ दिखे और वे इन्हे आगे निकलने का रास्ता दे सकें।
सिर्फ इतना ही नहीं…
और भी तरीकें अपनाती है एम्बुलेंस
इस महत्वपुर्ण तरीके के अलावा इलेक्ट्रॉनिक सायरन, फ्लैशिंग लाइट, स्पीकर, रेडियों फोन जैसे अन्य उपकरण इस्तेमाल होते है एम्बुलेंस में जिससे की लोग इसे जल्द से जल्द रास्ता दे दे।
काफी समय पहले तक एम्बुलेंस गाड़ियों में घंटियों का प्रयोग किया जाता था। उसकी जगह हवा के दबाव से चलने वाले सायरन ने ले ली। आज ह्वेलेन इलेक्ट्रॉनिक सायरन प्रयोग होते है।
चटक रंगों का प्रयोग
ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे की ये रास्तें में बिलकुल अलग ही दिखे और लोग दूर से ही पहचान जाए।
कई बार तो बहुत ही चमकदार रंगों से पेंट किया जाता है एम्बुलेंस को।
सिर्फ नीले एवं लाल रंग तक नहीं है सीमित
आजकल तो पीले, हरे जैसे कई रंगों में दीखते है एम्बुलेंस। पहचानना हो जाता है आसान।
आप यह सुनकर अचंबित हो जाएंगे की सिर्फ मोटरगाड़ियों में ही नहीं होती एम्बुलेंस। यह हवाई जहाज, मोटरसाइकिल, घोड़ागाड़ी, हेलीकॉप्टर साइकिल इत्यादि पर भी होती है।