लव कुश की कहानी को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करना पड़ा रामानंद सागर पर भारी ।। 10 वर्ष तक काटे कोर्ट के चक्कर

Sachin
By Sachin

1987 में टेलीविज़न पर धारावाहिक रामायण का प्रसार शुरू होते ही टीवी जगत में क्रान्ति आ गयी। इसके निर्माता-निर्देशक रामानन्द सागर का नाम पूरे भारत में मशहूर हो गया। लोकप्रियता एवं सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले इस धारावाहिक का प्रसारण हर रविवार को सुबह 9 बजे होता था और करोड़ों दर्शक टीवी सेट पर आँख गड़ाए बैठे रहते थे। लोगों में चर्चा होती थी कि रामायण के प्रसारण के समय रास्ते सुनसान हो जाते थे। विश्व में लगभग 65 करोड़ दर्शकों ने उस समय इसे देखा।

दर्शकों में ऐसा दीवानापन इसके पहले कभी नहीं देखा गया था। रामानंद सागर ने इसे असाधारण बनाने में कोई कोर-कसार नहीं छोड़ी थी। कलाकारों का सटीक चयन तथा उनके उम्दा अभिनय ने धारावाहिक को एकदम सजीव सा बना दिया था। रामानंद सागर को उनकी मेहनत का मधुर फल मिला और यह सीरियल अमर हो गया।

रामायण की लोकप्रियता का यह आलम था कि राम एवं सीता का किरदार निभाने वाले कलाकार अरुण गोविल एवं दीपिका चिखालिया को लोग साक्षात भगवान राम एवं माता सीता ही मानने लगे। उन्हें देखते ही लोग उनके चरण स्पर्श करने लगते। हालाँकि यह उनके मान-सम्मान में चार चाँद लगाने वाली बात हुई लेकिन उनकी ऐसी छवि के कारण फिर किसी निर्माता निर्देशक ने उन्हें फिल्मों में मौका नहीं दिया।

1988 में रामायण धारावाहिक के समापन पर भी लोगों के मन से इसका जादुई प्रभाव नहीं उतरा और लोगों ने लगातार रामानंद सागर पर आग्रह का दबाव बनाये रखा कि इस लोकप्रिय धारावाहिक को आगे बढ़ाये। इन्हीं आग्रहों के कारण कुछ महीनों बाद उन्होंने कहानी को आगे बढ़ाते हुए उत्तर रामायण के नाम से इसका प्रसारण शुरू किया। इस धारावाहिक में दिखाए गए प्रसंग का उल्लेख विभिन्न ग्रंथों में अलग-अलग रूप में किया गया है लेकिन वाल्मीकि रामायण में उत्तर रामायण का कोई विवरण नहीं है। रामानंद सागर पर कइयों ने मुकदमा दायर कर दिया कि उन्होंने हिन्दू धर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और उनकी काल्पनिक कहानी के कारण हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंची है। यह मुकदमा लगभग 10 वर्षों तक चला।

2020 में कोरोना वायरस महामारी के चलते ‘lockdown’ में जब दूरदर्शन ने इसका पुनः प्रसारण शुरू किया तब इसकी लोकप्रियता पहले के जैसे ही बरकरार दिखी। दर्शकों की इतनी बड़ी तादात देख कर यह कहना गलत नहीं होगा कि इस धारावाहिक की अपार सफलता ने रामानंद सागर का नाम टेलीविज़न इतिहार में अमिट कर दिय।

Share This Article
By Sachin
नमस्ते! मैं सचिन, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में एक समर्पित लेखक और कंटेंट क्रिएटर हूँ। ब्लॉगिंग के माध्यम से, मैं अपने विचार, अनुभव और ज्ञान को आप सबके साथ साझा करने का प्रयास करता हूँ। मेरी लेखनी का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। मेरे ब्लॉग विभिन्न विषयों को कवर करते हैं, जिनमें यात्रा वृतांत, सामाजिक मुद्दे, साहित्य समीक्षा और तकनीकी टिप्स शामिल हैं। सरल और स्पष्ट लेखन शैली के माध्यम से, मैं अपने पाठकों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास करता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिंदी भाषा में उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी दिशा में मैं निरंतर कार्यरत हूँ।