डेरा सच्चा सौदा के चीफ राम रहीम सिंह का घिनौना सच सामने आने के बाद लोगों के अंदर सच का पर्दा फाश करने की एक हिम्मत आई है। जो लोग राम रहीम जैसे मुँह बोले संतों के चक्कर में फसें थे उनको एक रौशनी की किरण दिखने लगी है। कई बाबाओं एवं धर्मगुरुओं ने भगवान् के नाम पर खिलवाड़ कर रख है।
इन ढोंगियों में सबसे आगे नाम आता है खुद को देवी माँ का अवतार बताने वाली राधे माँ का। लोगों का मानना एवं कहना है की राधे माँ धर्म के नाम पर धंदा चलाने वाली वो स्त्री है जो देश में सिर्फ अश्लीलता फैला रही है। राम रहीम का चर्चित काण्ड सामने आने पर लोगों ने राधे माँ के कारनामे भी पेश करना शुरू कर दिया है।
आरोपों की माने तो सुखविंदर उर्फ़ राधे माँ ब्रह्मचर्य का नहीं बल्कि भोग विलास का जीवन व्यतीत कर रही है। 18 साल की उम्र में मुकेरिया निवासी मनमोहन सिंह से हुई थी सुखविंदर की शादी। विवाह के बाद इनके पति नौकरी की खोज में कतर देश की राजधानी दोहा चले गए थे। पति के जाने के बाद आर्थिक तंगियों का सामना करते हुए सुखविंदर ने कपड़े सिलने का काम शुरू किया।
21 साल की उम्र में इनकी मुलाकात रामाधीन परमहंस से हुई जिन्होंने इनको ‘राधे माँ’ नाम से सम्मानित किया।
आइये आपको बताते है इनके कारनामो के बारे में:
अश्लीलता फ़ैलाने में माहिर
हाल ही में सामने आई है राधे माँ की एक शिष्या जिन्होंने दहेज प्रताड़ना और मारपीट जैसे आरोप लगाए है इनपर।
यही नहीं मुंबई की एक महिला ने भी इनपर अश्लीलता फ़ैलाने का संगीन आरोप लगाया था और कहाँ राधे माँ भवन में होते है अश्लील कार्यक्रम।
उन्होंने कहा की ये कोई धर्मगुरु नहीं है बल्कि लोगों को फ़साने का जाल बुनती हैं।
भक्तों को किस करने की और जवान लड़कों की गोद में बैठने की भी तसवीरें आई सामने।
मर्दों पर हुस्न का जादू चला कर उन्हें अट्रैक्ट करना और अश्लील तरीके से टच करना है राधे माँ का रोज़ का काम।
हाल ही में हुए राम रहीम के कोर्ट केस के दौरान राधे माँ ने कहा था, “जिनके घर कांच के हैं, उन्हें चोट लगी है, मेरा घर पत्थर का है।”