बचपन में चलने वाले सिक्के को हम बेकार समझते है क्योंकि आज की महंगाई के ज़माने में उनका कोई मोल नहीं है। लेकिन इन सिक्कों को जमा करने के शौक़ीन इनके बदले आपको लखपति बना सकते है।
आश्चर्य! 100 रूपये का पुराण सिक्का आज 4 लाख का
सन 1981 में भारत सरकार ने 100 एवं 150 रुपए के चांदी के सिक्के जारी किये थे जिनका उत्पादन बाद में रिज़र्व बैंक ने बंद कर दिया था। कॉइन कलेक्टर यानी प्राचीन प्रचलन के सिक्के जमा करने के शौक़ीन ऐसे सिक्कों की कीमत लाखों में देने को तैयार रहते है। ऐसे ही एक कॉइन कलेक्टर आलोक गोयल ने 100 रुपये का चांदी का सिक्का 4 लाख में बेचा।
हैदराबाद में पुराने 2 रुपए के सिक्कों की नीलामी 3 लाख तक गई। इन सिक्कों में एक डायमंड का निशान था जिसने इसकी लोकप्रियता में चार चाँद लगा दिए। एक व्यक्ति ने इन सिक्कों को बेच कर लाखों रुपए कमाए थे।
विदेशों में बढ़ती मांग
कई संग्रह करने वाले शौक़ीन अमीर इन प्राचीन एवं ऐतिहासिक सिक्कों के बदले करोड़ो रुपए देने को तैयार रहते है। आज कल तो इनकी मांग तथा स्त्रोत दोनों ही किसी वेबसाइट पर भी दिख जाएंगे। एशिआई देश जैसे चीन, हॉंगकॉंग तथा कुछ यूरोपीय देशों में इन सिक्कों का बड़ा बाजार है।
आखिर कहाँ बेचा जाए पुराने सिक्कों को
कुछ कंपनियां पुराने सिक्कों का ऑक्शन करती है जैसे ईबे, मेल्कॉम टॉडीवाला इत्यादि। इनको पुराने सिक्के बेचे भी जा सकते है। आजकल तो ऑनलाइन पर लंदन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में भी सिक्के बेचे जाते है।
पिछले कुछ वर्षों में पुराने सिक्कों की बढ़ती मांग के कारन इस व्यापार में काफी बढ़ोत्री हुई है। ऐतिहासिक सिक्के जैसे मुग़लों के समय प्रचलित सिक्कों का मूल्य तो और भी अधिक है।