इस साल हमारे देश के राष्ट्रपति रामनाथ जी कोविंद ने देश की 54 हस्तियों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। इन्हीं में से एक हैं भारत के मशहूर मसाला व्यापारी महाशय धर्मपाल गुलाटी। विख्यात मसाला ‘MDH’ के संस्थापक श्री धर्मपाल गुलाटी को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
टेलीविज़न पर अक्सर विज्ञापन में नज़र आने वाले ये शख्स लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है। कड़ी मेहनत के बलबूते मसाला कारोबार के शिखर पर पहुँच कर अपार सफलता प्राप्त कर लेने की सच्चाई से हर कोई वाकिफ है।
सियालकोट (वर्तमान में पाकिस्तान का प्रान्त) में 27 मार्च 1923 को जन्मे महाशय धर्मपाल गुलाटी ने मात्र पांचवी कक्षा तक की ही शिक्षा हासिल की लेकिन व्यापार एवं सामाजिक कार्यों में इन्होंने अपार सफलता प्राप्त की। व्यापार में इनके योगदान एवं बेहतर तकनीक के सफल प्रयोग के कारण इन्हें राष्ट्रपति ने पद्म भूषण पुरस्कार से नवाज़ा।
60 से भी अधिक प्रकार के मसाले बनाने वाली इनकी कंपनी ‘MDH’ ने ना केवल आज देश में ख्याति अर्जित की बल्कि विदेशों में भी अपना डंका बजाया है। आज ये देश के प्रमुख मसाला निर्यातको में गिने जाते है।
इनके बारे में रोचक जानकारी यह है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद जब 27 सितम्बर 1947 को ये दिल्ली आए तब इनके पास महज 1500 रुपये थे और इन्होंने उसमे से 650 रुपये खर्च कर एक तांगा ख़रीदा और उसे अपने जीवन उपार्जन का जरिया बनाया लेकिन इनकी व्यापारिक सोच एवं कड़ी मेहनत ने इन्हें एक सफल मसाला व्यापारी बना दिया। पैसा कमाने के साथ-साथ वे एक कर्मठ समाज सेवी भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन्होंने 20 से ज़्यादा स्कूलों की स्थापना की है तथा कई अस्पतालों के निर्माण में भी इनकी प्रमुख भूमिका रही है।
पद्म भूषण पुरस्कार मिलने पर इन्हें हार्दिक बधाई।