हमारा देश भारत तर्रकी तो कर रहा है लेकिन यहाँ के लोगों की एक बहुत बड़ी खासियत है। हम भारतीय नियमों को तोड़ने के लिए हमेशा तत्पर रहते है या यूँ कहें की नियम तोड़ना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। आइए दिखाते है आपको कुछ अद्भुत उदहारण।
यहीं खड़ी कर दो
नो पार्किंग को पार्किंग ज़ोन बनाना तो कोई हमसे सीखे।
इन्हे भी समझ है
अब ज़रुरत आ पड़ी है गाय से कुछ सीखने की।
बाप की सड़क
कुछ लोगों के लिए वन वे और नो एंट्री माएने नहीं रखती।
पुलिस महाशय
जब इन्हे ही हेलमट और नंबर प्लेट का महत्त्व नहीं पता तो औरों को क्या कहें।
अब तो थूकना ही पड़ेगा
ऐसा बोर्ड देखते ही थूक अपने आप बनने लगता है।
क्या कहेंगे इन्हे?
अरे भाई कुछ तो शर्म करो।
हीरो या जीरो?
क्या कहेंगे आप ऐसे व्यक्ति को?
डू या डोंट
वैसे भारत में लोगों को ‘डोंट’ वाली भाषा समझ कम आती है।
दबंग?
पुलिस के सामने ड्राइविंग करते वक़्त फ़ोन पे बात करने को क्या कहेंगे आप?
अब इन्हे क्या कहेंगे?
ये तो हद्द ही हो गई भाई।
पढ़ा नहीं क्या?
शायद इन लोगों ने पढ़ा नहीं की डब्बा महिलाओं के लिए है।
नेहरु जी भी?
इनसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी हमें।
लड़कियां कैसे पीछे रहेंगी
इसे कहते है कंधे से कन्धा मिलकर चलना।
पुलिस भी
शायद ये पुलिस वाले अपनी बाइक को गाड़ी समझते है।