नक़ल करने के ऐसे बेहतरीन तरीकें जिनके सामने टीचरों ने भी टेक दिए घुटने

Sachin
By Sachin

आपने अपने ज़माने में स्कूल की परीक्षा में नक़ल ज़रुर मारी होगी लेकिन उस ज़माने में लोग ज़्यादा से ज़्यादा अपने आस पास बैठे दोस्तों की कॉपियों से नक़ल मार लिया करते थे। आजकल के बच्चों का दिमाग कितने तेज़ी से दौड़ता है इसका आपको शायद अंदाज़ा भी नहीं होगा। आइए आपको दिखाते है कैसे करते है बच्चे नक़ल।

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यह देखिये आजकल के स्टूडेंट्स का नेल आर्टये जनाब तो नकली हाथ तक लगा बैठेअरे भाई कलम को तो बक्श देतेइनकी हाथों की लकीरें क्या कहती है? पास या फ़ैल?इसे कहते है जूतों के पैसे वसूल करनाजब जूस के डब्बे से ठंडा हो जाए तन और दिमागभाईचारा कोई इनसे सीखेअब पता चला स्टूडेंट्स परीक्षा के दौरान टॉयलेट क्यों जाते हैबेचारा अध्यापक देखकर भी न पकड़ पाएप्यास लगना तो बस बहाना हैहद ही हो गईपूरा पेपर हाथ पर ही लिखने का इरादा है क्या?सर्दी हो या गर्मी हमें तो फुल स्लीव्स ही पहनना हैलड़कियां तो लड़को से भी आगे निकलीमोबाइल के जमाने में ऐसा करना तो बनता हैकहीं डिहाइड्रेशन ना हो जाए :Dक्या आपको चाहिए ऐसी घड़ी?

यह देखिये आजकल के स्टूडेंट्स का नेल आर्ट

ये जनाब तो नकली हाथ तक लगा बैठे

अरे भाई कलम को तो बक्श देते

इनकी हाथों की लकीरें क्या कहती है? पास या फ़ैल?

इसे कहते है जूतों के पैसे वसूल करना

जब जूस के डब्बे से ठंडा हो जाए तन और दिमाग

भाईचारा कोई इनसे सीखे

अब पता चला स्टूडेंट्स परीक्षा के दौरान टॉयलेट क्यों जाते है

बेचारा अध्यापक देखकर भी न पकड़ पाए

प्यास लगना तो बस बहाना है

हद ही हो गई

पूरा पेपर हाथ पर ही लिखने का इरादा है क्या?

सर्दी हो या गर्मी हमें तो फुल स्लीव्स ही पहनना है

लड़कियां तो लड़को से भी आगे निकली

मोबाइल के जमाने में ऐसा करना तो बनता है

कहीं डिहाइड्रेशन ना हो जाए 😀

क्या आपको चाहिए ऐसी घड़ी?

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By Sachin
नमस्ते! मैं सचिन, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में एक समर्पित लेखक और कंटेंट क्रिएटर हूँ। ब्लॉगिंग के माध्यम से, मैं अपने विचार, अनुभव और ज्ञान को आप सबके साथ साझा करने का प्रयास करता हूँ। मेरी लेखनी का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। मेरे ब्लॉग विभिन्न विषयों को कवर करते हैं, जिनमें यात्रा वृतांत, सामाजिक मुद्दे, साहित्य समीक्षा और तकनीकी टिप्स शामिल हैं। सरल और स्पष्ट लेखन शैली के माध्यम से, मैं अपने पाठकों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास करता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिंदी भाषा में उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी दिशा में मैं निरंतर कार्यरत हूँ।