अगर आप रोज़ घर में जगह ना होने की बातें करते है तो आज से शायद आप ऐसा नहीं कहेंगे। कुछ समझे? दरअसल हम आपको ऐसे घरों के बारे में बताने जा रहे है जो एक छोटे से बॉक्स जैसे है। बात करेंगे होन्ग कोंग के कॉफिन होम्स की।
वहीँ रसोई, वहीँ टॉयलेट
होन्ग कोंग के तकरीबन 2 लाख लोग ऐसी ही हालत में जी रहे है।
कहते है कॉफिन होम
वह बॉक्स जिसमे क्रिस्चियन लोग मुर्दो को दफनाते है उसे कॉफिन कहा जाता है। अब आप समझ तो गए ही होंगे इन घरों को कॉफिन होम क्यों कहते है!
पंछियों जैसे कैद
इन घरों में लोग ऐसे कैद रहते है मानो पिंजरे में पंछी ।
रंग बिरंगी इमारतें
इन इमारतों में हैं हज़ारों कॉफिन होम्स जिनमे लोग दब कर रहते है।
पैर फैलाने की भी जगह नहीं
अपनी थकान दूर करने के लिए ये लोग पैर तक नहीं फैला पाते।
उफ़ ये गन्दगी
जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया में स्वच्छ अभियान की कोशिश जारी है वहीँ गन्दगी में भी रहते है लोग।
सामान से घिरा इंसान
सामान के बिच में लेटा ये इंसान भी मानो सामान ही बन गया है।
रात रात भर जागना
जगह की कमी होने की वजह से लोगों को रातों में नींद तक नहीं आती।
सांस लेना दुश्वार
पिंजरे में कैद मुर्गी के जैसी हालत है इस व्यक्ति की।
सरकार क्या कर रही है
आखिर होन्ग कोंग की सरकार लोगों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही?