कोरोनावायरस नामक संक्रामक, खतरनाक एवं लाइलाज बीमारी के प्रकोप ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखा है, और हमारा देश भारत भी इससे अछूता नहीं हैं। इस रोग से प्रभावित लोगों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है। यह बीमारी चीन से शुरू हुई थी लेकिन पूरे विश्व में इसका विनाशकारी प्रभाव सबसे ज़्यादा इटली में देखा जा रहा है जहाँ इसके घातक मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे।
इटली में भारत के 263 छात्रों के फंसे रहने की खबर मिलते ही भारत सरकार सक्रिय हो उठी और वहां से उन छात्रों को निकालने के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया। इस जोखिम भरे काम का ज़िम्मा लिया हमारे देश की बहादुर महिला पायलट स्वाति रावल ने।
एयर इंडिया की फ्लाइट कमांडर कप्तान स्वाति एवं उनकी टीम ने विशेष विमान से इटली पहुँच कर उन 263 भारतीय छात्रों को सकुशल भारत लाने का सराहनीय काम किया। भारतीय एयरपोर्ट पर ज़रूरी थर्मल स्क्रीनिंग और इमीग्रेशन के बाद सभी छात्रों को ITBP छावला कैंप में क्वारंटाइन फैसिलिटी में भेज दिया गया जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
संक्रामक कोरोनावायरस से बुरी तरह ग्रसित इटली में जाना अत्यंत जोखिम भरा कार्य था लेकिन बहादुर स्वाति ने अपने देशवासियों की जान बचने के लिए खुद की जान की परवाह न करते हुए, यह साहसिक कारनामा कर दिखाया। आज पूरा देश इसकी प्रशंसा कर रहा है।
स्वाति उन चुनिंदा महिला पायलट में शुमार है जो कई वर्षों से मुंबई से न्यू यॉर्क के बीच उड़ान भरती है। आज सफल कमर्शियल पायलट बानी स्वाति, फाइटर पायलट बनना चाहती थी लेकिन उस समय इसका प्रावधान ना होने पर ऐसा न हो सका।
एक छोटे बच्चे की माँ स्वाति रावल ने कर्त्तव्य को अपने परिवार से ज़्यादा तरजीह दी। इस बात की सोशल मीडिया पर सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वाति एवं उनकी टीम को बधाई दी है। भारत की इस वीर बेटी को शत-शत नमन।