राजघरानों के शानोशौकत किस्से तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन भगवान राम के वंशज के राजशी ठाठ के आगे सारे किस्से फेल हैं। अभी हाल ही में एक अंग्रेजी चैनल को दिए इंटरव्यू में जयपुर घराने के एक रजवाड़े का किस्सा सामने आया है। इसमें महारानी पद्मिनी देवी ने बताया कि वे भगवान् राम के वंशज हैं।
ये है परिवार का इतिहास
रानी पद्मिनी के मुताबिक उनका परिवार राम के बेटे कुश के परिवार के वंशज हैं। जयपुर के पूर्व महाराज और उनके पति भवानी सिंह कुश के 309वें वंशज थे। उनकी शादी भवानी सिंह से हुई थी। रानी की बेटी दिया सवाई माधोपुर से बीजेपी विधायक भी है।
उनके बेटे पद्मनाम सिंह का राजतिलक 12 साल की उम्र में और लक्ष्यराज का राजतिलक महज 9 वर्ष की उम्र में साल 2013 में हुआ था। हालांकि, देश में रजवाड़ों को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है, पर अभी भी राजघरानों में अब भी परंपरा में शामिल राजतिलक की रस्म कर राज्य का वारिसाना हक सिम्बॉलिक तौर पर ट्रांसफर किया जाता है।
ये राजपरिवार राजस्थान के रॉयल पार्टीज में अक्सर देखा जाता है। इस परिवार के राजा मानसिंह की बहू थाइलैंड से आई है तथा राजपरिवार के कई सदस्य वहां भी जा बसे हैं।
आज भी राजसी है लाइफस्टाइल
महारानी पद्मिनी देवी शहर के कई बड़े कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के तौर पर दिख जाएंगी। उनकी बेटी दिया कुमारी सवाई माधोपुर से एमएलए हैं। दिया कुमारी के बेटे और जयपुर के राजा पद्मनाभ सिंह इंडिया की पोलो टीम के प्लेयर हैं।
आज भी राजघराने को राजपरिवार की तरह सम्मान देती है जनता।