हिंदू धर्म में किसी भी काम को करने के लिए समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है और इसीलिए कोई भी काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त को देखा जाता है। महत्वपूर्ण काम जैसे शादी, हवन, पूजन आदि में तो समय का और भी अधिक महत्त्व हो जाता है। ऐसा कहा जाता है की शुभ समय पर आरम्भ किये गए काम के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसी कारण शास्त्रों में कुछ काम शाम के समय करने से मना किया गया है। इन कामों को शाम के समय करने से घर में गरीबी और बीमारी का वास होता है तथा घर की बरकत कम हो जाती है। हम आज ऐसे ही कुछ काम बताने जा रहे हैं जो कि शाम के समय या सूर्यास्त के समय नहीं करने चाहिए ।
सूर्यास्त के समय लेटना या सोना नहीं चाहिए
धार्मिक कारण – यह समय भगवान् के पूजन के लिए श्रेष्ठ माना गया है और इस समय यदि व्यक्ति अकारण ही या आलस के कारण सोता है तो ऐसा करने से घर में गरीबी और बीमारी का वास होता है। शास्त्र के अनुसार यदि आप बीमार नहीं है या कोई अन्य आवश्यक कारण नहीं है तो सूर्यास्त के समय सोने से व्यक्ति बीमार और सुस्त हो जाता है।
इसके वैज्ञानिक कारण भी है – शाम के समय सोने से फिर रात में जल्दी और पर्याप्त नींद नहीं आती है। नींद के समय में हेर-फेर होने से शरीर का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है तथा शरीर में पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। लम्बे समय में व्यक्ति कमजोर और अनिंद्रा का भी शिकार हो जाता है।
शाम को तुलसी पर जल ना चढ़ाएं
कहा जाता है कि शाम के समय तुलसी के करीब दिया जरूर जलाना चाहिए परन्तु तुलसी को इस समय जल मत चढ़ायें। शाम के समय तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।
शाम को घर में झाड़ू बिलकुल भी ना लगाएं
ये बात हमेशा ध्यान में रखें कि सूर्यास्त के समय घर में झाड़ू लगाने से बचना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। झाड़ू लगानी है तो शाम होने से पहले या सुबह के समय को ही ठीक माना गया है।
शाम के समय प्रेम प्रसंग से बचें
संध्या का समय बहुत ही पवित्र समय माना गया है , इस समय मन को पवित्र रख कर भगवान् की पूजा अर्चना में लगाना ही श्रेष्ठ माना गया है। पति पत्नी को भी इस समय प्रेम सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए क्योँकि कहा जाता है की ऐसा करने से शरीर की पवित्रता नष्ट हो जाती है।