आज के भारत के मुकाबले ज़्यादा आधुनिक था प्राचीन देश हमारा… जानिए पूरी बात

आप पुराने ज़माने को भले ही मॉडर्न ना समझते हो लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तथ्य बताने जा रहे हैं कि यकीन नहीं होगा आपको। पूरी थी स्वाधीनता महिलाओं को और खुले थे सबके विचार। जानिए ऐसा क्यों और कैसे था:

खुद चुनती थी पति

पुराने समय में महिलाओं को खुद अपने पतियों को चुनने की छूट थी। राजकुमारियों का होता था स्वयंवर।

ना का मतलब ना

प्राचीन भारत में महिलाएं यदि किसी बात के लिए ना कह देती थी तो उनका पूरा आदर किया जाता था। नहीं थोपे जाते थे उनपर फैसले।

खुले विचार

जहाँ आज हम सेक्स को लेकर बात करने में हिचकिचाते है वहीँ प्राचीन भारत में लोगों के विचार इतने खुले थे की खजुराहो मंदिर के कलाकारी में यह साफ़ दिखाई देता है।

पुरुष नारी समानता

सनातन धर्म हमें पुरुष और नारी की समानता के बारे में सिखाता है।

डेटिंग भी होती थी

जिसे आज हमने डेटिंग का नाम दे दिया है वो भी पुराने समय में आम बात थी। तब भी मिला करते थे स्त्री और पुरुष।

वेश्यावृत्ति

पुरुषों के मनोरंजन के लिए वेश्यावृत्ति भी मौजूद थी उस वक़्त। और तो और इसके प्रति लोगों का नज़रिया भी आज से कई गुना आधुनिक था।

स्त्री एवं शिक्षा

स्त्रियों को सभी हक़ बराबर मिलने में शिक्षा भी थी शामिल।  पढ़ाई से लेकर अस्त्र शास्त्र विद्या पर भी था पूरा अधिकार।

नहीं होता था भेदभाव

सभी चीज़ों में पूरा हक़ मिलने की वजह से नहीं होता था कोई भेदभाव।

विज्ञान

उन दिनों विज्ञान के क्षेत्र में किए गए खोज की तो आपको जानकारी होगी ही। भले ही आज के जैसे तकनीक नहीं थी प्राचीन समय में लेकिन खोज तो तब भी हुआ करती थी।

पशु

पशु माने जाते थे स्टेट सिंबल तथा उन्हें संपत्ति के तौर पर गिना जाता था।

Sachin

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