बात करेंगे उस हीरो की जिसपर लड़कियां एक समय पर मरती थी। दिखे थे गोविंदा की फिल्म कुली नंबर 1 में भी। करिश्मा कपूर के साथ भी इन्होने की कई फिल्में। वो कहते है न की ये फ़िल्मी दुनिया बड़ी अजीबोगरीब है। सच ही कहा गया है, यहाँ कुछ भी हो सकता है। कौन जानता था की चॉकलेट बॉय के नाम से फेमस हीरो हरीश कुमार को फिल्में नहीं मिलेंगी और वे हो जायेंगे बॉलीवुड से लुप्त।
आइए आपको बताते है पूरा सच।
15 साल की उम्र में बने हीरो
जी हाँ! हरीश इतनी सी उम्र में ही आ गए थे फिल्म इंडस्ट्री में। 15 साल की आयु में उन्हें मिला था लीड रोल। हरीश की तेलुगु फिल्म “प्रेम कैदी” हिट होने के बाद उसे बॉलीवुड में भी बनाया गया और तब उनकी हीरोइन थी करिश्मा कपूर।
करिश्मा की डेब्यू फिल्म के हीरो
प्रेम कैदी करिश्मा की डेब्यू फिल्म थी और इसमें बतौर हीरो हरीश कुमार ने धूम मचा दिया था। दोनों ने खूब नाम कमाया।
करना पड़ा संघर्ष
90s के दशक के उच्च हीरो में गिने जाने वाले हरीश ने कई फिल्में की। बड़ी मेहनत और परिश्रम से काम करने वाले इस एक्टर को बाद में कड़ा संघर्ष करना पड़ा।
गोविंदा के साथ किया काम
गोविंदा की चर्चित फिल्म कुली नंबर 1 में हरीश ने उनके दोस्त का किरदार निभाया। गोविंदा के साथ उन्होंने भी बटोरी तारीफें।
कई दिग्गजों के साथ भी किया काम
गोविंदा और करिश्मा कपूर के अलावा और भी कई कलाकारों के साथ दिखे थे कुमार। उनकी बहुत सी फिल्में हिट भी हुई थी।
तेलुगु सिनेमा में बने महीला
न सिर्फ हिंदी बल्कि तेलुगु सिनेमा में भी दिखाया अपना टैलेंट। एक तेलुगु फिल्म में लेडी के गेटअप में दिखे थे कुमार।
आज है लुप्त
एक समय पर बहुत प्रसिद्धि हासिल कर चुके हरीश आज कहाँ है और क्या कर रहे है ये कोई नहीं जानता। जी रहे है वो गुमनामी की ज़िन्दगी, लेकिन आखिर क्यों?
पुरस्कारों से नवाज़े गए थे
फिल्म ‘आंध्र केसरी’ के लिए कुमार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके स्वर्गीय एन.टी. रामा राव के हाथों से अवार्ड भी मिला था।
आखिर क्या थी वजह गुमनामी की
दरअसल हरीश ने अपनी फिजिक का ध्यान नहीं रखते हुए जिम वगेरा नहीं किया। वे काफी मोटे हो गए थे और उनका लुक बिलकुल चेंज हो गया था। इस वजह से कोई उन्हें अपनी फिल्म में नहीं लेना चाहता था।
कौन सी फिल्म थी आखरी
साल 2001 में आई फिल्म इन्तेक़ाम में उन्होंने आखरी बार काम किया। उसके बाद से नहीं दिखे फिल्म इंडस्ट्री में।