ना जाने अब तक कितने निर्माताओं ने रामायण पर आधारित शो बनाया होगा। कई वर्ष पहले नाटिका के तौर पर दिखाए जाते थे धार्मिक एवं पौराणिक कथाएं। आज से कुछ 30 वर्ष पूर्व रामानंद सागर जी ने दर्शकों को यह सुनेहरा मौका दिया की वे टीवी पर रामायण की कथा एवं स्वयं भगवन राम को जीवंत होता देख सके।
25 जनवरी 1987 से 31 जुलाई 1988 तक प्रसारित हुआ यह टीवी शो लोगों को इतना पसंद आया की आज के दिन में रामायण पर आधारित टीवी शो की लोग इससे तुलना करते है। राम और सीता के किरदारों को निभाने वाले कलाकार तो मानो जैसे सच मुच् भगवन ही बन गए दर्शकों के लिए। बीत चुके 30 सालों में इन कलाकारों का लुक बिलकुल चेंज हो गया। देखिये बदले बदले से ये सितारें आज कैसे दीखते है। आपको मिलवाते है उन दिनों के राम सीता एवं रावण से:
राम की भूमिका निभाते अरुण गोविल
चेहरे पर तेज और होठों पे मंद मंद सी मुस्कान लिए अरुण गोविल ने दर्शकों को यकीन दिलवाया की भगवान् श्री राम आज भी जीवित है हम सभी के मन में। उनके उम्दा एक्टिंग से लोग इस कदर प्रभावित थे की वे जहाँ भी जाते लोग उन्हें भगवन का दर्जा देने लगते। आज 60 साल के हो चुके अरुण यह मानते है की रामायण से मिली सफलता उन्हें और कहीं नहीं मिल सकती थी।
सीता का किरदार निभाती दीपा चिखलिया
आपको जानकार हैरानी होगी की सीता मैया के पावन किरदार को छोटे परदे पर जिवंत करने वाली अभिनेत्री दीपा उस वक़्त महज 15 वर्ष की थी। इतनी छोटी आयु में उन्होंने घर घर में वो स्थान प्राप्त कर लिया जो आज बॉलीवुड के कई मेगास्टार्स भी नहीं कर पाए है। दीपा को वैसे इस शो से बहुत उम्मीदें नहीं थी। रामायण के बाद उन्होंहे फिल्मों में भी अपना लक आज़माया लेकिन नाकामयाब होने पर वे ग्लैमर की दुनिया से बहुत दूर चली गयी। एक कॉस्मेटिक कंपनी के मालिक हेमंत टोपीवाला से विवाह करके दीपा अपने विवाहित जीवन में खुश है। पति की कंपनी में एक डिपार्टमेंट की हेड है दीपा।
रावण का रोले निभाते अरविन्द त्रिवेदी
आप शायद ही जानते होंगे की लंकेश रह चुके अरविन्द त्रिवेदी ने अपने करियर में तकरीबन 300 फिल्में की है। गुजरती सिनेमा के चर्चित नाम उपेंद्र त्रिवेदी दरअसल इनके भाई है। हालाँकि अरविन्द का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था लेकिन इन्होने अपना काम काजी जीवन गुजरात से शुरू किया। लगभग सभी फिल्मों में अरविन्द ने नायक की भूमिका ही निभाई है। या फिर यूँ कहें की रामायण में बेहतरीन एक्टिंग करने के बाद अरविन्द एक सफल नायक बन गए।