ऋषि कपूर – “तेरा जाना, दिल के अरमानों का लुट जाना”

Sachin
By Sachin

ऋषि कपूर के निधन से भारतीय फिल्म जगत गहरे सदमे में है। अभिनेता इरफ़ान खान की मृत्यु के दुसरे दिन ही इस दर्दनाक खबर ने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया। हमारे देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, शताब्दी के नायक अमिताभ बच्चन समेत सभी बड़ी हस्तियों ने इसे एक भारी क्षति बताया। लाखों दिलों पर राज करने वाले इस अभिनेता के अनगिनत प्रशंसकों (फैंस) में तो गहरे शोक की लहर फैल गई।

4 सितम्बर,1952 को ऋषि कपूर का जन्म हुआ। इनके पिता असाधारण अभिनय सम्राट राज कपूर थे, जिन्हें अभिनय में उत्कृष्टता के लिए 1987 में दादासाहेब फाल्के अवार्ड से नवाज़ा गया था। यह इस बात का सबूत है कि ऋषि कपूर को अभिनय की खूबियां विरासत में मिली थी। फ़िल्मी जगत एवं परिवार में इन्हें सब ‘चिंटू’ कहकर बुलाते थे। खुद ऋषि कपूर ने इस नाम के पीछे एक मजेदार वाकया का ज़िक्र किया था। उनके बड़े भाई रणधीर कपूर अपने स्कूली दिनों में एक कविता गुनगुनाया करते थे जिसमें चिंटू शब्द का ज़िक्र आता था और तभी से परिवार के सब सदस्य ख़ास कर रणधीर कपूर ऋषि को चिंटू बुलाने लगे।

राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से ऋषि कपूर ने बॉलीवुड में कदम रखा था। इस फिल्म में उनके सशक्त अभिनय के लिए उस वर्ष नेशनल फिल्म अवार्ड के बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का अवार्ड उन्हें दिया गया।

उनके पिता राज कपूर ने 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ का निर्माण किया जिसमें ऋषि कपूर को बतौर नायक पेश किया गया। इस फिल्म में नायिका के रोल में डिंपल कपाड़िया की भी यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म ने सफलता के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए और ऋषि कपूर के रूप में भारतीय सिने जगत को एक नया स्टार मिला। इस फिल्म के लिए ऋषि कपूर को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड से नवाज़ा गया। इसके बाद इन्होंने फिर मुड़कर पीछे नहीं देखा और एक के बाद एक इनकी बेहतरीन फिल्मों का सिलसिला चल पड़ा। फ़िल्मी पत्रिकाओं में इनको अलग अलग उपमा मिलने लगी मसलन ‘चॉकलेटी हीरो’, ‘रोमांटिक यंग डैशिंग मैन’ इत्यादि।

इनके फ़िल्मी सफर के दौरान ये अभिनेत्री नीतू सिंह के संपर्क में आए और दोनों शादी के बंधन में बंध गए। इनका विवाहित जीवन पूर्णतया सफल एवं आनंदमय रहा। इनके परिवार में पत्नी के अलावा बेटे रणबीर कपूर और बेटी रिद्धिमा भी है। रणबीर कपूर बॉलीवुड में एक सफल अभिनेता है।

मुस्कुराते चेहरे वाले इस लोकप्रिय कलाकार को 2018 में घातक रोग कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया। लगभग एक वर्ष तक उन्होंने न्यू यॉर्क शहर में अपना इलाज करवाया। जब 26 सितम्बर 2019 को वे वापस भारत लौटे तब उनके प्रशंसकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई, पर ये ख़ुशी ज़्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई। 29 अप्रैल 2020 को सांस लेने में कठनाई होने के कारण उन्हें मुंबई के Sir H. N. Reliance Foundation Hospital and Research Centre में भर्ती किया गया लेकिन अगले दिन 30 अप्रैल 2020 को सुबह लगभग 8:45 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

ऋषि कपूर अपने प्रशासकों के दिल में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।

Share This Article
By Sachin
नमस्ते! मैं सचिन, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में एक समर्पित लेखक और कंटेंट क्रिएटर हूँ। ब्लॉगिंग के माध्यम से, मैं अपने विचार, अनुभव और ज्ञान को आप सबके साथ साझा करने का प्रयास करता हूँ। मेरी लेखनी का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। मेरे ब्लॉग विभिन्न विषयों को कवर करते हैं, जिनमें यात्रा वृतांत, सामाजिक मुद्दे, साहित्य समीक्षा और तकनीकी टिप्स शामिल हैं। सरल और स्पष्ट लेखन शैली के माध्यम से, मैं अपने पाठकों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास करता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिंदी भाषा में उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी दिशा में मैं निरंतर कार्यरत हूँ।