भारत में नियमों की उड़ती है धज्जियाँ… देखिए उदहारण

Sachin
By Sachin

हमारा देश भारत तर्रकी तो कर रहा है लेकिन यहाँ के लोगों की एक बहुत बड़ी खासियत है। हम भारतीय नियमों को तोड़ने के लिए हमेशा तत्पर रहते है या यूँ कहें की नियम तोड़ना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। आइए दिखाते है आपको कुछ अद्भुत उदहारण।

यहीं खड़ी कर दो

नो पार्किंग को पार्किंग ज़ोन बनाना तो कोई हमसे सीखे।

इन्हे भी समझ है

अब ज़रुरत आ पड़ी है गाय से कुछ सीखने की।

बाप की सड़क

कुछ लोगों के लिए वन वे और नो एंट्री माएने नहीं रखती।

पुलिस महाशय

जब इन्हे ही हेलमट और नंबर प्लेट का महत्त्व नहीं पता तो औरों को क्या कहें।

अब तो थूकना ही पड़ेगा

ऐसा बोर्ड देखते ही थूक अपने आप बनने लगता है।

क्या कहेंगे इन्हे?

अरे भाई कुछ तो शर्म करो।

हीरो या जीरो?

क्या कहेंगे आप ऐसे व्यक्ति को?

डू या डोंट

वैसे भारत में लोगों को ‘डोंट’ वाली भाषा समझ कम आती है।

दबंग?

पुलिस के सामने ड्राइविंग करते वक़्त फ़ोन पे बात करने को क्या कहेंगे आप?

अब इन्हे क्या कहेंगे?

ये तो हद्द ही हो गई भाई।

पढ़ा नहीं क्या?

शायद इन लोगों ने पढ़ा नहीं की डब्बा महिलाओं के लिए है।

नेहरु जी भी?

इनसे तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी हमें।

लड़कियां कैसे पीछे रहेंगी

इसे कहते है कंधे से कन्धा मिलकर चलना।

पुलिस भी

शायद ये पुलिस वाले अपनी बाइक को गाड़ी समझते है।

Share This Article
By Sachin
नमस्ते! मैं सचिन, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में एक समर्पित लेखक और कंटेंट क्रिएटर हूँ। ब्लॉगिंग के माध्यम से, मैं अपने विचार, अनुभव और ज्ञान को आप सबके साथ साझा करने का प्रयास करता हूँ। मेरी लेखनी का उद्देश्य न केवल जानकारी प्रदान करना है, बल्कि समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है। मेरे ब्लॉग विभिन्न विषयों को कवर करते हैं, जिनमें यात्रा वृतांत, सामाजिक मुद्दे, साहित्य समीक्षा और तकनीकी टिप्स शामिल हैं। सरल और स्पष्ट लेखन शैली के माध्यम से, मैं अपने पाठकों के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने का प्रयास करता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिंदी भाषा में उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना बेहद महत्वपूर्ण है, और इसी दिशा में मैं निरंतर कार्यरत हूँ।